मध्य प्रदेश

MP के सब-स्टेशनों में CCTV लगाकर बिजली विभाग रोकेगा चोरी, रखेगा निगरानी

मध्‍य प्रदेश 416 सब-स्टेशनों पर बिजली मुख्यालय रखेगा निगरानी, लगेंगे हाई परफार्मेंस एचडी CCTV

मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी विद्युत लाइनों की ड्रोन से पेट्रोलिंग (निगरानी) के बाद अब एक कदम आगे बढ़ते हुए ट्रांसमिशन कंपनी सब-स्टेशनों की सुरक्षा के लिए तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखेगी। कंपनी ने शक्ति भवन कंपनी मुख्यालय जबलपुर में बैठकर ही प्रदेश के सभी 416 विद्युत सब-स्टेशन की गतिविधियों पर नजर रखने की तैयारी कर ली है। इसके लिए लगभग आठ करोड़ 15 लाख रुपये की लागत से हाई परफार्मेंस एचडी कैमरे लगने प्रारंभ हो गए हैं। प्रथम चरण में करीब ढाई सौ सब-स्टेशनों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं। कंपनी के इस निर्णय से सब स्टेशनों की गश्ती व सुरक्षा में मानव श्रम की बचत के साथ डबल लेयर सुरक्षा प्रणाली विकसित हो सकेगी।

जानकारी मुताबिक पॉवर ट्रांसफार्मर से तांबे की न्यूट्रल पट्टी निकालने पर पांच से छह करोड़ रुपये के नुकसान के साथ संबंधित क्षेत्र के उपभोक्ताओं को लगभग एक महीने से ज्यादा समय तक बिजली के बिना रहने की आशंका पैदा हो सकती है। सब-स्टेशनों में चोरी के बाद सीसीटीवी कैमरा फुटेज की मांग अनेक बार पुलिस प्रशासन भी करता है, जिसको देखते हुए भौतिक और मानव निरीक्षण के साथ इन कैमरों की भी आवश्यकता समझ में आई।

मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी निरंतर अत्याधुनिक प्रयोग कर रही है। इसी क्रम में यह कैमरे लगवाए जा रहे हैं। कैमरे लगवाने से जहां मानव श्रम कम लगेगा वहीं सुरक्षा भी पुख्ता होगी।

सब-स्टेशनों में अलग-अलग संख्या और जरूरत के मान से कैमरे लगाए जाएंगे। 132 केवी सब-स्टेशन के स्टोर, मुख्य द्वार, कंट्रोल रूम और यार्ड में कैमरे लगाए जाएंगे। वहीं 220 और 400 केवीए के सब-स्टेशन में कैमरों की संख्या इससे अधिक होगी।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार केंद्रीय कंट्रोल सेंटर, सब स्टेशन, डिवीजन आफिस, सर्किल आफिस और मुख्यालय में कैमरे लगाए जाएंगे। सब-स्टेशन प्रभारी अपने मोबाइल फोन पर भी लाइव देख सकेंगे। सब-स्टेशनों में चोरी के कारण विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत सप्लाई प्रभावित न हो, इसलिए मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम का उपयोग कर सब-स्टेशनों की सुरक्षा और मजबूत कर रही है। इस दोहरी सुरक्षा प्रणाली से उपकरणों के महत्वपूर्ण पार्ट चोरी होने की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा, जिससे उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित भी की जा सकेगी।

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